Sunday, 29 December 2019

Nexplora – नवचेतना का उत्सव !


P.N. : ये पोस्ट एस्टर पब्लीक स्कूल के मार्केटींग के लिए या फिर मेरी बेटी उस स्कूल में पढ रही है इस लिए नहीं लिखा; मैंने इस लिए लिखा की इस तरह की इवेन्टस हर जगह होनी आवश्यक है।

दोस्तों, २०१९ के कुछ ही दिन शेष बचे हैं। आशा है पिछले साल की मधुर यादें आपको आने वाले साल के लिए उत्साहीत करेगी; और खट्टी यादें अनुभव बनकर मार्गदर्शन का काम करेगी।

तो इस साल की आखरी पोस्ट लेकर आप के समक्ष उपस्थीत हूं। कुछ दिनो  पहले जब हम पेरेन्टस मिटिंग के लिए (एस्टर पब्लीक स्कूल) गए तब प्रिन्सीपल मेडमने बताया था की इस बार एन्युअल फंक्शन के बजाए हम कुछ नया करेंगे और इसमे पेरेन्टस भी इन्वोल्व होंगे।
इस बात को लेकर मैं और मेरी वाइफ काफी उत्साहीत थे की आखीर क्या होगा इस बार! हर स्कूल में एन्युअल फंक्शन होते हैं, और बच्चे एवम् माता – पिता काफी उत्साहीत नजर आते हैं। बच्चे अपना पर्फोर्मन्स देते है और माता –पिता एवम् शिक्षक गण उनके साक्षी बनते हैं। पर एस्टर पब्लीक स्कूलने तो ये कुछ नया करने की ठानी!
आखीर कार हमें २१ डिसम्बर को Nexplora – Inspiring Minds में शरीक होने का न्योता मिला। सभी पेरेन्टस काफी उत्सुक थे। सुबह ११ बजे से ४ बजे तक स्कूल में ही कुछ इवेन्ट्स थे ऐसा पता चला। हम दोनों हमारी नन्ही गुडीया को लेकर स्कूल को चल दिए। ११:३० तक पहोंचे और देखा तो स्कूल आकर्षक रुप में सजा था।


ग्राउन्ड फ्लोर पे फूड स्टोल रखे थे। हाल ही में शरु किए गए प्रि – नर्सरी क्लास की सजावट देखते ही बन रही थी। मैं अपने मोबाइल से फोटोग्राफी कर रहा था की अचानक “मोगली” मेरे सामने प्रकट हुआ। वो अपने दोस्त “बलु” को ढूंढ रहा था। मैने आश्वासन दीया की “बलू” मिलेगा तो मैं उसे ग्राउन्ड फ्लोर पे सब को एन्टरटेईन कर रहे “मोगली” को मिलने के लिए भेजुंगा।
सीढींयो पे एस्टर पब्लीक स्कूल के होनहार स्टुडन्टस हमे आमंत्रीत कर रहे थे और गंतव्य स्थान के लिए मार्गदर्शन दे रहे थे। उनका उत्साह देखते बन रहा था।

स्कूल की टेरेस पे “नेक्षप्लोरा” आयोजीत कीया गया था, पर जब हम पहूंचे तो उससे पहले ही कई उत्साही माता – पिता पहले पहुंच चूके थे; इस लिए भीड को नियंत्रीत करने हेतु स्कूल संचालक मंडल ने अनोखी व्यवस्था कर रखी थी। टोप फ्लोर पे तीन क्लास रूम को मनोरंजन खंड में परिवर्तित कर दीया था। एक में तंबोला चल रहा था, एक में क्राफ्ट, ड्रोइंग जैसी एक्टीवीटी चल रही थी तो एक में गीत – संगीत का कार्यक्रम था। हमारा परिवार गीत – संगीत के प्रति ज्यादा आकर्षीत हुआ तो उस रुम में गए। म्यूझीक टिचर्स बच्चो एवम् माता – पिता को गाना गाने के लिए प्रेरित कर रहे थे। हमने भी भूषिता और उसकी दोस्त अन्वी को प्रेरित किया तो फिर बच्चो ने भी अच्छा प्रतिभाव दिया!





क्रिसमस के अनुरुप दोनो बच्चोंने साथे मिलकर जिंगल बेल्स गाया। उनके बाद श्रीमतिजीने मुझे प्रेरित किया तो मैं भी थोडा गुनगुनाने के लिए गया। “छोगाडा” गाने का ओरिजिनल फोक वर्झन “रंगलो, जाम्यो कालिंदी ने घाट..” गाकर सुनाया और उसके बाद एक हिन्दी “माइक्रोफिक्शन” भी पेश की।

हमारे दोस्त संजय कुमार झाने पंकज उधास की गझल मधुर आवाज में पेश की। बच्चों एवम बडोने गाने सुनाये तो कुछ बच्चोंने कोंगो पर अपने हाथ की दस्तक दी। हमें ये “म्युझीक वेइटींग रूम” छोडने का मन  तो नहीं हो रहा था पर उपर “नेक्षप्लोरा” देखने के लिए मन बावरा हो रहा था।

उपर पहोंचते ही क्लास टिचर “दिव्या मेडम”ने अभीवादन कीया और हमे टेरेस पर आयोजित नेक्षप्लोरा इवेन्टमें शरीक हुए।
टेरेस में शमा कुछ देखते ही बन रहा था। मेथ्स , साइन्स, हिन्दी ,अंग्रेजी विषय के इनोवेटीव स्टोल्स लगे हुए थे। जहां आप को बच्चे अपने इनोवेशन्स और गेम्स से अचंबीत करने के लिए कार्यरत थे। बच्चोंने कार्डस, पोट्स, पेइन्टींग्स और अन्य कलाक्रितीयां बनाइ थी वो भी देखने एवम् खरीदने के लिए स्टोलस पर मौजुद थी। सभी शिक्षक गण उनका उत्साह बढा रहे थे। CMD श्री शर्माजी एवम् प्रिन्सीपल मेडम सोनियाजी सभी का मार्गदर्शन एवम् निरिक्षण करते दिख रहे थे।


अभी पहले स्टोल पर पहुंचे की तभी हमारे मित्र संपत कुमार और उनका परिवार मिल गया। सभी का उत्साह देखते बन रहा था। बच्चों के इनोवेशन (एर प्युरिफायर, ट्राफिक कंट्रोल इत्यादी) तो शानदार थे ही पर जब वो हर एक प्रेक्षक को समजाने का जो कोन्फिडन्स था वो भी काबिल-ए-तारीफ था। हमने उनके इनोवेशन्स देखे, समजे; गेम्स खेली (हमारे ज्ञान का हमें पता चल गया!!!), कुछ में इनाम जिते भी! भूषिता और बच्चों ने जो कार्डस बनाये थे वो हमने खरिदे! खूब सारी फोटोग्राफी की!


नेक्षप्लोरा इवेन्ट उन सब इवेन्ट्स से एक कदम आगे था जो एक स्कूल के एन्टरटेइन इवेन्ट में होना चाहिए! यहां पे बच्चों के हर सबजेक्ट के अनुरुप उनके कौशल को एक्ष्प्लोर कर नेक्स्ट लेवल पे ले जाकर एक प्लेटफोर्म पर दिखाया! और ये प्लेटफोर्म सिर्फ किताबी नहीं था। सब से मजेदार ये बात थी की यहां पे पेरेन्ट्स प्रेक्षक दिर्घा में नहीं बैठे थे, उनको इस इवेन्ट का हिस्सा बनाया गया!





हर छोटी छोटी चिज पे ध्यान दिया गया था चाहे वो ग्राउन्ड फ्लोर पे सब को एन्टरटेइन कर रहा स्टूडन्ट “मोगली” हो, चाहे वो शानदार “वेइटींग रूम्स” हो, चाहे वो “मुस्कुराइए – आप एस्टर में है” वाला स्माइली स्टीकर बोर्ड हो, चाहे वो प्लास्टीक ग्लास से बना स्नोमेन हो, चाहे वो सिढीयों की दिवारो पे सजाये मोटीवेशनल क्वोट्स हो या फिर आप के प्रतिभाव के लिए बना “पोस्ट इट” बोर्ड हो!




मैं नेक्षप्लोरा एवेन्ट से काफी प्रभावीत हुआ। ये पोस्ट एस्टर पब्लीक स्कूल के मार्केटींग के लिए या फिर मेरी बेटी उस स्कूल में पढ रही है इस लिए नहीं लिखा; मैंने इस लिए लिखा की इस तरह की इवेन्टस हर जगह होनी आवश्यक है। अगर स्कूल, कोलेज और कंपनीया भी इस तरह के इवेन्ट्स से प्रेरित हो तो स्टुडन्ट्स और एंप्लोयी इनोवेशन के प्रति उत्साहित नजर आएंगे तथा अपनी काबिलीयत दिखाने का अवसर मिलेगा! (और ये तभी संभव है जब ये पोस्ट आप अपने मित्र गण के साथे शेर करे और अपने सोशियल प्लेटफोर्म पर भी साझा करे। धन्यवाद!)





APS - 
नेक्षप्लोरा हर साल आयोजीत हो ऐसी आप से उम्मीद रखता हूं!
आप सभी मित्र गण को नव वर्ष २०२० के लिए अग्रीम शुभकामनाऍं! सुरक्षीत रहें, स्वस्थ रहें, व्यस्त रहें, मस्त रहें!
जय हिन्द!
---
गोपाल खेताणी








6 comments:

  1. Very impressive and mesmerizing

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  2. Good Programme arranged by school.... agreed that school should do the events like this to connect parents also....good article Gopal...

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    1. you are right jilesh... thank you for your valuable comment.

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