‘हम आएंगे अपने वतन हाजी साहब…और
यहीं पे दिल लगाएंगे, यहीं पे मरेंगे…और यहीं के पानी में हमारी राख बहाई जाएगी।’
ये सिर्फ डाइलोग नहीं, कश्मीरी
पंडीतो की जिंदगी है जो शायद फिल्म “शिकारा” बयां कर पाये!
कुछ ऐसी घटनाएं इस दुनिया में घटीत हो जाती है जीसे मिटाने की कोशीश की जाती है, पर वो मिटती नहीं है।
उन घटनाओं को छेडने से लोग कतराते हैं क्युंकी या तो घाव फिर से उभर आएंगे या तो उनको फिर से जख्मी किया जायेगा। मगर फिर भी कुछ लोग साहस जुटा लेते हैं। वैसा ही साहस किया राहुल पंडीताजीने "Our Moon has Blood Clots" लिखकर और फिर प्रख्यात निर्माता - निर्देशक विधु विनोद चोपराजीने फिल्म बनाकर।
शिकारा मुवी का प्रिव्यु पढें निचे दी गइ लिंक पर।
https://filmypanchaat.blogspot.com/2020/01/movie-preview-shikara.html
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