घमंड कर घमंड कर
घमंड कर घमंड कर
तु शत्रु के खुन से
क्रोध को प्रचंड कर॥
हे वीर तु शान है
देश की तु आन है
नायक है आदर्श तु
सब के दिल की जान है
रंग केसरी सजा तु शत्रु
को भस्म कर
घमंड कर घमंड कर
घमंड कर घमंड कर॥
देश तेरे साथ है
तेरे नाम पे कुरबान है
सेना की दहाड सुनने
ये दिल अब बैताब है
दुश्मन के रक्त से धरा
को तु तृप्त कर
घमंड कर घमंड कर
घमंड कर घमंड कर॥
तीनो सेना हमारी माने
दुश्मनो का काल है
देख ले ओ बौने शत्रु
हमारा क्या भौकाल है?
रण में तांडव मचा महाकाल
को प्रसन्न कर
घमंड कर घमंड कर
घमंड कर घमंड कर
तु शत्रु के खुन से
क्रोध को प्रचंड कर॥
जय हिंद – जय हिंद की सेना!
~ गोपाल खेताणी
copyright - 2020
आप ये गीत यु -ट्युब पर भी देख सकते हैं!
https://www.youtube.com/watch?v=LYsHbTZxbqc&
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